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Showing posts from January, 2020

अल्मोड़ा के चमड़खान गोल्ज्यू देवता मंदिर वीडियो

उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जनपद में स्थित चमड़खान के 'ग्वल ज्यू' महाराज के, आपके सभी मनोरथ गोलू देवता करें पूर्ण... ऋग्वेद में उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है। ऐसी भूमि जहां देवी-देवता निवास करते हैं। हिमालय की गोद में बसे इस सबसे पावन क्षेत्र को मनीषियों की पूर्ण कर्म भूमि कहा जाता है। उत्तराखंड में देवी-देवताओं के कई चमत्कारिक मंदिर हैं। इन मंदिरों की प्रसिद्धि भारत ही नहीं बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। इन्हीं में से एक मंदिर गोलू देवता का भी है। गोलू देवता को स्थानीय मान्यताओं में न्याय का देवता कहा जाता है।

आखिर क्या कहानी है उत्तराखण्ड के घुघुती पर्व के पीछे

क्षेत्र में परंपरागत कुमांऊनी घुघुती त्यौहार को धूमधाम से मनाया गया। त्यौहार पर बच्चों की काले कौवा काले, घुघुति माला खा ले माहौल गूंज उठा। इस मौके पर लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी। लोगों ने घुघता, बेड़ू, जलेबी और खिचड़ी आदि परंपरागत पकवान बनाकर एक दूसरे को बांटा। वहीं छोटे-छोटे बच्चों ने घुघुते की मालाओं से खेल कर त्यौहार का जम कर लुफ्त उठाया। इस दौरान अधिकांश बच्चे घुघुते की माला गले में पहने हुये थे। घुघुती त्यौहार पर क्षेत्र के ग्राम शांतिपुरी नंबर 2 आनंदपुर में तुषार दानू, कीर्ती कोरंगा, पवन दानू, कृष्ण कोरंगा, परी और हिमांशु कोरंगा आदि बच्चों ने घुघुती मालाओं से जम कर खेला। यहां जवाहरनगर, शांतिपुरी सहित कुमांऊनी मूल के गांवों में भी घुघुती त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। आज की युवा पीढ़ी को जानना आवश्यक है कि आखिर क्या कहानी है उत्तराखण्ड के घुघुती पर्व के पीछे ..... एक प्रचलित कथा के अनुसार, जब कुमाऊं में चन्द्र वंश के राजा राज करते थे। राजा कल्याण चंद की कोई संतान नहीं थी। उनका मंत्री सोचता था कि राजा के बाद राज्य मुझे ही मिलेगा। एक बार राजा कल्याण चंद स