बिल्केश्वर महादेव मंदिर , भगवान शिव शंकर का धाम है एवम् हरिद्वार के पास स्थित “बिल्व पर्वत”पर बना है | यह एक छोटा मंदिर है , जो सामान्य शिवलिंग और नंदी के साथ पत्थर से बना है एवम् यह मंदिर एक पहाड़ी क्षेत्र में जंगल से घिरा हुआ है । इस जगह में भगवान गणेश ,भगवान हनुमान , महादेव और माता रानी के छोटे मंदिर भी स्थित है । यहाँ भगवान शिव के लिए बैल की पत्तियों की पेशकश करने और गंगा नदी के पानी के साथ शिवलिंग के अभिषेक करने की परंपरा है । इस मंदिर में बिल्वकेश्वर महादेव शेषनाग के नीचे लिंग रूप में विराजे है | स्थानीय लोगों में यह प्राचीन मंदिर बहुत लोकप्रिय है । इस स्थान के बारे में यह कहते हैं कि माता पार्वती यहां बेलपत्र खाकर अपनी भूख शांत किया करती थी , लेकिन जब पीने के लिए पानी की समस्या आती थी तब देवताओं के आग्रह पर स्वयं परमपिता ब्रह्मा अपने कमंडल से गंगा की जलधारा प्रकट करते थे | बिल्केश्वर महादेव मंदिर से महज 50 कदम की दूरी पर “गौरी कुंड” के नाम से प्रसिद्ध है |
बिल्केश्वर महादेव मंदिर के पास ही प्रतिष्ठित चमत्कारी गौरी कुंड में स्नान का महत्व बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में आराधना से कम नहीं है और ये महत्व मकर संक्रान्ति पर और भी बढ़ जाता है| मान्यता है कि तपस्या के दौरान माता पार्वती इसी गौरी कुंड में स्नान किया करती थी और इसी कुंड का पानी पिया करती थी | यह माता पार्वती की वो तपोस्थली है जहां की गई आराधना और तपस्या से शिव शंकर जल्द प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं | कहते हैं यहां आकर श्रद्धा से भोलेनाथ को स्मरण करने भर से वो प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं |
हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध एवम् पवित्र मंदिर “बिल्केश्वर महादेव मंदिर” के अल्वा प्रसिद्ध मंदिरों “दक्ष महादेव मंदिर“ , “भारत माता मंदिर“ , “मनसा देवी मंदिर“ और “चंडी देवी मंदिर“ के भी दर्शन कर सकते है |
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