ऋषिकेश, जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, देहरादून जिले का एक प्रमुख तीर्थस्थान है। पवित्र गंगा नदी के तट पर
स्थित इस स्थान का हिन्दू समुदाय में बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। प्रतिवर्ष,
पूरे देश भर से भारी संख्या में पर्यटक इस स्थान के धार्मिक स्थलों,
महान हिमालय को देखने तथा गंगा नदी में डुबकी लगाने आते हैं। हिमालय
की तलहटी में स्थित ऋषिकेश कई हिन्दू देवी-देवताओं का घर है। इस स्थान के प्राचीन
मन्दिरों तथा आश्रमों की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। इस क्षेत्र में योग और ध्यान
के केन्द्र भी है जहाँ पर अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा योग और ध्यान का प्रशिक्षण
नियमित रूप से दिया जाता है। हिन्दू महाकाव्य के विपरीत एक हिन्दू मान्यता के
अनुसार रावण का वध करने के पश्चात भगवान राम ने यहीं पर तपस्या की थी। यह वही
स्थान है जहाँ पर भगवान राम के छोटे भाई लक्षमण ने जूट से बने एक पुल की सहायता से
गंगा नदी पार की थी। इसलिये इल पुल को लक्षमण झूला कहा जाता है। इसे सन् 1889
में रस्सियों की सहायता से बनाया गया था जिसे बाद में सन् 1924
में लोहे के झूलने वाले पुल के रूप में पुनर्निर्मित किया गया।
ऋषिकेश के आस पास के स्थान कुन्जापुरी मन्दिर हिन्दू देवी सती को समर्पित है
जिन्हें शिवालिक पहाड़ियों की 13 सबसे महत्वपूर्ण देवियों
में से एक माना जाता है। एक किंवदन्ती के अनुसार देवी सती का धड़ उस समय यहाँ गिर
गया था जिस समय उनके पति हिन्दू देवता शंकर उनके शरीर को कैलाश पर्वत ले जा रहे
थे। मन्दिर को उसी स्थान पर बनाया गया है जहाँ पर भगवान शंकर द्वारा उनका शव ले
जाते समय उनका धड़ गिरा था। पर्यटक नीलकंठ महादेव मन्दिर भी देख सकते हैं जो पंकजा
और मधुमती नदियों के संगम स्थल पर स्थित है। इस मन्दिर को विष्णुकूट, मणिकूट और ब्रह्माकूट की पहाड़ियाँ चारों ओर से घेरे हुये हैं। इस मन्दिर
में श्रृद्धालु हिन्दू पर्व शिवरात्रि के अवसर पर भारी संख्या में आते हैं।
पर्यटकों को त्रिवेणी घाट के निकट स्थित ऋषिकुण्ड भी अवश्य जाना चाहिये। यह एक
छोटा सा तालाब है जिसे देवी यमुना ने अपने नदी के जल से कुब्ज सन्त के लिये पुरस्कार
स्वरूप भरा था। पर्यटक इस तालाब में प्राचीन रघुनाथ मन्दिर के प्रतिबिम्ब को देख
सकते हैं। वशिष्ठ गुफा ऋषिकेश का एक और प्रमुख आकर्षण है जो कि एक ध्यान केन्द्र
होने के साथ-साथ साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले लोगो को बीच कैम्प करने की
जगह के रूप में प्रसिद्ध है। एक प्रमुख ध्यान केन्द्र, श्री
स्वामी पुरुषोत्तमानन्द जी का आश्रम इस गुफा के पास ही स्थित है। इसके अलावा श्री
बाबा विशुद्धानन्द जी द्वारा स्थापित काली कमलीवाले पंचायती क्षेत्र भी इस क्षेत्र
का एक प्रमुख आकर्षण है। इसका मुख्यालय ऋषिकेश में स्थित है जबकि इसकी शाखायें
पूरे गढ़वाल में फैली हैं। यात्रियों की सुविधा के लिये आश्रम ठहरने की सुविधायें
प्रदान करता है। ऋषिकेश मे एक और आश्रम स्थित है जिसे स्वामी शिवानन्द ने स्थापित
किया था। यह आश्रम हिमालय की तलहटी में गंगा नदी के किनारे स्थित है। सन् 1947
में स्थापित ओंकारानन्द आश्रम को भी यात्री देख सकते हैं। यह आश्रम
समाज और संस्कृति की बेहतरी के लिये कार्य करता है और क्षेत्र में शिक्षा को
बढ़ावा देता है। आश्रम का प्रबन्धन स्वामी ओंकारानन्द के नेतृत्व में हिन्दू
साधुओं के एक दल द्वारा किया जाता है। यदि समय हो तो यात्री ऋषिकेश से 16 किमी की दूरी पर स्थित शिवपुरी मन्दिर भी जा सकते हैं। हिन्दू भगवान शिव
को समर्पित यह मन्दिर पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है। इस प्रमुख स्थान पर
यात्री रिवर राफ्टिंग का आनन्द भी ले सकते हैं। नीलकंठ महादेव मन्दिर, गीता भवन, त्रिवेणी घाट और स्वर्ग आश्रम ऋषिकेश के
कुछ अन्य प्रसिद्ध स्थान हैं। तीर्थयात्रियों के अलावा यह स्थान साहसिक गतिविधियों
में रुचि रखने वाले लोगों को भी आकर्षित करता है। चूँकि शहर पहाड़ों के बीच स्थित
है इसलिये यह ट्रेकिंग के लिये अनुकूल है। क्षेत्र के लोकप्रिय ट्रेकिंग मार्गों
में गढ़वाल हिमालय क्षेत्र, बुवानी नीरगुड, रूपकुण्ड, कौरी दर्रा, कालिन्दी
थाल, कनकुल थाल और देवी राष्ट्रीय पार्क शामिल हैं। फरवरी से
अक्तूबर के मध्य का समय इस क्षेत्र में ट्रेकिंग के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है।
इसके अलावा यह जगह एक और साहसिक गतिविधि रिवर राफ्टिंग के लिये भी आधार है।
पेशेवरों की देखरेख में यात्री इस जल क्रीड़ा का आनन्द ले सकते हैं। ऋषिकेश में
अपने ठहराव के दौरान यात्री नदी को पार करने की रोचक साहसिक क्रीड़ा का भी आनन्द
ले सकते हैं। इस खेल के तहत लोगों
को रस्सियों पर चलते हुये नदी को पार करना होता
है। ऋषिकेश कैसे जाएं ऋषिकेश तक वायुमार्ग द्वारा
पहुँचने के लिये यात्री 18 किमी की दूरी पर स्थित देहरादून
के जॉली ग्राँट हवाईअड्डे के लिये उड़ाने ले सकते हैं। ऋषिकेश का अपना खुद का
रेलवेस्टेशन है जोकि दिल्ली, मुम्बई, कोटद्वार
और देहरादून जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा यहाँ तक
सड़कमार्ग द्वारा पहुँचने के लिये यात्री दिल्ली, देहरादून
और हरिद्वार जैसे शहरों से प्राइवेट अथवा राज्य स्वामित्व की बसों का विकल्प चुन
सकते हैं। ऋषिकेश का मौसम ऋषिकेश में साल के अधिकतर भाग
के लिये मौसम खुशनुमा रहता है। हलाँकि पर्यटकों को मई के महीने में यहाँ नहीं आने
की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय यहाँ का तापमान काफी ऊँचा रहता है।
Rishikesh
Ashrams for Yoga and Meditation
मैसूर के साथ ऋषिकेश भारत में योग के लिए सबसे
लोकप्रिय स्थलों में से एक है। चुनने के लिए कई आश्रम, और योग और ध्यान की कई शैलियों हैं। इसलिए, यह
जांचना महत्वपूर्ण है कि आपकी आवश्यकताओं को सबसे अच्छी तरह से पूरा किया जाए। कुछ
शीर्ष ऋषिकेश आश्रमों और इस आलेख में जो कुछ भी पढ़ाते हैं, उनके
बारे में जानें।
Parmarth Niketan
ऋषिकेश में पवित्र गंगा नदी के तट पर परमार्थ
निकेतन,
भारत के शीर्ष योग केंद्रों में से एक है और क्षेत्र में सबसे बड़ा
आश्रम है। इसके आठ आठ एकड़ परिसर में 1,000 कमरे हैं,
जिसमें आवास और दृश्य के मानक के आधार पर विभिन्न दरें हैं। 15
दिनों तक प्रारंभिक रहने की अनुमति है। कीमत में दो योग कक्षाएं और
तीन भोजन दैनिक शामिल हैं। आश्रम भी योग, वैदिक विरासत और
आध्यात्मिकता, और शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का एक व्यापक
कार्यक्रम चलाता है। दान देने के द्वारा दैनिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए बाहरी
आगंतुकों का स्वागत है। आश्रम
की शाम गंगा आरती लोकप्रिय है।
Sivananda
Ashram
भारत के शीर्ष योग केंद्रों में से एक, शिवानंद आश्रम की स्थापना स्वामी शिवानंद ने की थी और इसे दिव्य जीवन समाज
द्वारा चलाया जाता है। शिक्षण योग के पांच बिंदुओं - मुद्राओं, सांस लेने, विश्राम, ध्यान और
आहार के आसपास आधारित होते हैं। मुफ्त योग और ध्यान कक्षाएं दैनिक पेशकश की जाती
हैं। हालांकि, आवास (जो भोजन के साथ मुफ्त में भी मुहैया
कराए जाते हैं) केवल गंभीर आध्यात्मिक साधकों के लिए उपलब्ध हैं जिन्हें कम से कम
एक महीने पहले आवेदन करने की आवश्यकता है। आश्रम मुख्य सड़क के नजदीक राम झुला के
पास स्थित है
Omkarananda
Ganga Sadan
ओमकारानंद गंगा सदन, ओमकारानंद आश्रम हिमालय के गेस्टहाउस, पतंजला योग
केंद्र योग केंद्र का घर है। Iyengar योग कक्षाएं विशेषता
हैं। यह केंद्र गंगा नदी के तट पर ऋषिकेश के मुनी-की-रेटी क्षेत्र में स्थित है।
इसका अपना घाट है, और एक दैनिक आरती का प्रदर्शन किया जाता
है। दैनिक (रविवार को छोड़कर) योग कक्षाएं सभी के लिए खुली हैं लेकिन गहन योग
पाठ्यक्रमों के लिए आरक्षण महीने पहले ही किए जाने की आवश्यकता है। भगवत गीता पर
व्याख्यान भी पेश किए जाते हैं। आवास उचित रूप से मूल्यवान और साफ हैं, और कई कमरों में नदी के दृश्य हैं।
Yoga
Niketan
योग निकेतन की स्थापना 1 9
64 में स्वामी योगेश्वरनंद परमहंस ने की थी, जो
राजा योग के एक प्रसिद्ध मास्टर थे, जिन्होंने अपना अधिकांश
जीवन हिमालय में बिताया था। ऋषिकेश के मुनी-की-रेटी क्षेत्र में स्थित इस पारंपरिक
आश्रम की शिक्षाएं पतंजलि योग शास्त्र के अनुसार पूरी तरह से आठ मोड़ पथ पर आधारित
हैं। छात्रों को योग, ध्यान और व्याख्यान के सख्त दैनिक
अनुसूची का पालन करना होगा। आश्रम में छात्रों के लिए 100 आरामदायक
कमरे उपलब्ध हैं, जिनमें निजी स्नानघर और गर्म पानी हैं।
Himalayan
Yog Ashram
आनंद प्रकाश से पहाड़ी पर थोड़ी सी पैदल दूरी
पर स्थित,
कॉम्पैक्ट हिमालय योग आश्रम की स्थापना 2012 में
हुई थी। यह उन छात्रों से अपील करेगा जो व्यक्तिगत सेटिंग में पूरी योगिक जीवनशैली
का अनुभव करना चाहते हैं, और आदर्श रूप से परिवर्तनकारी
अनुभव की तलाश करने वालों के लिए उपयुक्त है । कार्यक्रम में मुद्राओं, श्वास, ध्यान, आध्यात्मिक
शिक्षाओं, और स्वस्थ कार्बनिक आयुर्वेदिक भोजन का संयोजन
शामिल है। हालांकि, यह एक आंतरिक यात्रा पर जाने के बारे में
मुद्राओं और अधिक के बारे में कम है। Detoxifying और तनाव के
लिए आयुर्वेदिक उपचार कार्यक्रम भी पेश किए जाते हैं। निजी बाथरूम वाले प्रत्येक
में केवल छह अतिथि कमरे हैं। छह, 13, 20, या 27
रातों के रहता है। साथ ही साथ शिक्षाएं, मेहमान
अपने स्वादिष्ट भोजन, शांत वातावरण और स्वागत करने वाले
मेजबानों के लिए इस आश्रम की प्रशंसा करते हैं।
एक आग्रह –
गंगा को साफ रखने में अपना सहयोग
दें और ऐसा कोई कार्य न करे जिस से हमारे
धर्म की व गंगा की पवित्रता भंग हो। हर हर गंगे !! जय माँ गंगे !
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