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NAINITAL, UTTARAKHAND

















नैनीताल भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक प्रमुख पर्यटन नगर है। आज भी नैनीताल जिले में सबसे अधिक ताल हैं। इसे भारत का लेक डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है आंखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इस लिए यह पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है। नैनी झील नैनीताल का मुख्‍य आकर्षण यहां की झील है।

नैनीताल एक नजर में: 
नैनीताल की खोज सन 1841 में एक अंग्रेज चीनी (शुगर) व्यापारी ने की. बाद में अंग्रेजों ने इसे अपनी आरामगाह और स्वास्थ्य लाभ लेने की जगह के रूप में विकसित किया. नैनीताल तीन ओर से घने पेड़ों की छाया में ऊंचे-ऊंचे पर्वतों के बीच समुद्रतल से 1938 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. यहां के ताल की लंबाई करीब 1358 मीटर और चौड़ाई करीब 458 मी‍टर है. ताल की गहराई 15 से 156 मीटर तक आंकी गई है, हालांकि इसकी सही-सही जानकारी अब तक किसी को नहीं है. ताल का पानी बेहद साफ है और इसमें तीनों ओर के पहाड़ों और पेड़ों की परछाई साफ दिखती है. आसमान में छाए बादलों को भी ताल के पानी में साफ देखा जा सकता है. रात में नैनीताल के पहाड़ों पर बने मकानों की रोशनी ताल को भी ऐसे रोशन कर देती है, जैसे ताल के अंदर हजारों बल्ब जल रहे हों.

ताल में बत्तखों के झुंड, रंग-बिरंगी नावें और ऊपर से बहती ठंडी हवा यहां एक अदभुत नजारा पेश करते हैं. ताल का पानी गर्मियों में हरा, बरसात में मटमैला और सर्दियों में हल्का नीला दिखाई देता है. 

नैनीताल का धार्मिक महत्व: 
स्कंद पुराण के मानस खंड में इसे 'त्रि-ऋषि-सरोवर' कहा गया है. ये तीन ऋषि अत्री, पुलस्थ्य और पुलाहा ऋषि थे. इस इलाके में जब उन्हें कहीं पानी नहीं मिला तो उन्होंने यहां एक बड़ा सा गड्ढा किया और उसमें मनसरोवर का पवित्र जल भर दिया. उसी सरोवर को आज नैनी ताल के रूप में जाना जाता है. माना जाता है कि नैनी ताल में डुबकी लगाने का महत्व मानसरोवर में डुबकी लगाने जितना ही पवित्र है.
इसके अलावा नैनीताल को 64 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है. माना जाता है कि जब भगवान शिव माता सती के शव को लेकर पूरे ब्रह्मांड में भटक रहे थे तो यहां माता की आखें (नैन) गिर गए थे. माता की आखें यहां गिरी थी इसलिए इस जगह का नाम नैनी ताल पड़ा. माता को यहां नैयना देवी के रूप में पूजा जाता है.

नैनीताल में पर्यटक आकर्षण
नैनी झील
नैनी झील आकर्षण और उत्तरांचल में पर्यटकों का मुख्य आकर्षण है। यह इस झील से नैनीताल शहर, झील, सुंदर निपटान अपने नाम निकला है। अपनी लोकप्रियता के लिए सच झील splendidly सुंदर है। दृश्य शानदार है जब रात में उतरता है, और रोशनी आते हैं और झील में प्रतिबिंबित।


बर्फ दृश्य
नाम का सुझाव के रूप में हिमालय के शानदार बर्फ की एक indescribably सुंदर और साँस ले रही तस्वीर बर्फ दृश्य प्रदान करता है। 2270 मीटर की ऊंचाई पर, यह सिर्फ अधिक नहीं है फिर नैनीताल लेकिन भी बहुत ठंडा। यह सबसे अधिक आसानी से सुलभ पहाड़ी की चोटी है और 2.5 किलोमीटर नैनीताल से दूर है। आप कर सकते हैं या तो यहाँ तक चलना, एक टैक्सी या एक केबल कार या टट्टू उपलब्ध Mallitaal पर ले लो।



भुवाली और घोड़ाखाल
कुमाऊं क्षेत्र के पहाड़ों की ओर जाने वाली सड़कों का भुवाली में चौराहा है और यह नैनीताल से करीब 11 किमी दूर है. भुवाली को उसकी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. इसके अलावा भुवाली को 1912 में अने अपने टीबी सेनेटोरियम के लिए भी जाना जाता है. भुवाली से घोड़ाखाल करीब 3 किमी दूर है. घोड़ाखाल में ग्वेल (गोलू) देवता का विशाल मंदिर है. यहां भक्त आकर उनसे अपनी मनोकामना पूरी करने की अर्जी लगाते हैं. इसके अलावा घोड़ाखाल को सैनिक स्कूल के लिए भी जाना जाता है. घोड़ाखाल का सैनिक स्कूल देश के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में से एक है.






नीम करोली बाबा का यह आश्रम आधुनिक जमाने का धाम है. यहां पर मुख्य तौर पर बजरंगबली की पूजा होती है. इस जगह का नाम कैची यहां सड़क पर दो बड़े जबरदस्त हेयरपिन बैंड (मोड़) के नाम पर पड़ा है. कैची नैनीताल से सिर्फ 17 किमी दूर भुवाली से आगे अल्मोड़ा 
रोड पर है. बजरंग बली का आशीर्वाद लेने और नीम करोली बाबा के बारे में जानने के लिए पर्यटक यहां आते हैं. इसके अलावा यहां मन की शांति भी खूब मिलती है. पास से गुजरती जलधारा इस जगह पर एक अलग ही आनंद और सौन्दर्य देती है.

रामगढ़
25 कि. मी. यह कुमाऊँ की घर के बगीचे के रूप में जाना जाता है। समृद्ध संपदा यहां देखा जा सकता है।
BHIMTAL NAINITAL










BHIMTAL NAINITAL
BHIMTAL NAINITAL













भीमताल
भीमताल झील, समुद्र स्‍तर से 4500 फीट की ऊंचाई पर स्थित, नैनीताल और उसके आसपास के इलाके में स्थित प्राकृतिक झीलों में से सबसे बड़ी है। इस झील का नाम पांच पांडवों में से एक पांडव भीम के नाम पर रखा गया। यह झील नैनीताल से 22 किमी. की दूरी पर स्थित है जो पर्यटकों और नौसिखियों को पानी के पर्याप्‍त खेलों के साथ पैडलिंग और बोटिंग की सुविधा भी प्रदान करती है।

नौकुचिअ ताल
याचिंग नौकुचियताल, नैनीताल यात्रा Holidays1218 M यह है 26 किमी में नौ कोनों वाला ताल को उधार देता है यह नाम जो प्रवासी पक्षियों प्राप्त करता है। नौकाओं और पैडल बोट दोनों झील भ्रमण के लिए उपलब्ध हैं। नौकुचिया ताल नैनीताल से 26 किलोमीटर और भीमताल से ४ कि. मी 1220 टन समुद्र स्तर से ऊपर है। इसके नौ कोने के साथ एक बहुत गहरी साफ झील एक मनोरम स्थल है। झील की लंबाई है 983 मी. चौड़ाई है 693 mts गहराई 40.3 मी. यह एक करामाती घाटी के भीतर angling और पक्षी देख के एक अवसर की पेशकश की है। रोइंग, paddling या नौकायन के लिए पर्याप्त गुंजाइश है।

सत ताल
नैनीताल से 21 किमी बाद महाकाव्य नामक तीन झीलों (मूल के सात शनि), कर रहे हैं मुख्य रिसॉर्ट personages राम, सीता और लक्ष्मण के पास। अन्य कुछ दूरी हैं दूर सत ताल नैनीताल से दूर 21 किमी है। यह मूल रूप से सात ताल या झीलों का एक समूह था। पाइन और ओक के पेड़ सत ताल की सुंदरता के लिए जोड़ें।

नैना पीक
चीन शिखर के रूप में जाना जाता इस पीक नैनीताल में उच्चतम बिंदु है। यहाँ से नैनीताल एक कटोरा के रूप में प्रकट होता है। आप चलना या ponies पीक करने के लिए ले कर सकते हैं। इस चोटी से आप नैनीताल के रोमांचक दृश्य कैप्चर कर सकते हैं। नैना पीक भी Camelback शिखर का एक अच्छा दृश्य देता है। हिमालय और तिब्बती सीमाओं के दर्शनीय स्थलों से भी की जाँच करें।


वेधशाला
नैनीताल से अधिक साफ आसमान सरकार यहाँ एक वेधशाला सेटअप करने के लिए कहा। वेधशाला भारत में सबसे अग्रिम दूरबीनों में से एक है।

नैनीताल में एडवेंचर स्पोर्ट्स
वाटर स्पोर्ट्स के शौकीनों के लिए नैनीताल स्वर्ग से कम नहीं है. यहां का नैनीताल याट कल्ब नौकायन परंपरा और विरासत को सहेजे हुए है. यहां हर साल राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर की नौका दौड़ होती हैं. गर्मी के मौसम में नैनीताल की झील में स्विमिंग कॉम्पटीशन भी आयोजित किए जाते हैं. इसके अलावा कैनोइंग और कयाकिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी इस खूबसूरत झील में होते रहते हैं.
अगर आप स्काई एडवेंचर का लुत्फ लेना चाहते हैं तो नौकुचियाताल में पैरासेलिंग की सुविधा उपलब्ध है. अनुभवी पैरासेलर्स की देखरेख में आप यहां आकाश के इस रोमांच में डूब सकते हैं.
एडवेंचर स्पोर्ट्स में हॉटबलूनिंग भी अपना अलग स्थान रखता है और यह नैनीताल का एक और आकर्षण है. सूखाताल में हॉटबलूनिंग के कैंप आयोजित किए जाते हैं.
माउंटेनियरिंग यानी पर्वतारोहण के शौकीनों के लिए नैनीताल में काफी कुछ है. नैनीताल माउंटेनियरिंग क्लब पर्वतारोहरण और रॉक क्लाइबिंग की ट्रेनिंग देता है और इसे इस क्षेत्र में महारत हासिल है. यहां के बारापत्थर और कैमेल्स बैक इलाके में रॉक क्लाइबिंग ट्रेनिंग दी जाती है.
इसके अलावा यहां राज भवन के गोल्फ कोर्स में हर साल गोल्फ टूर्नामेंट का आयोजन होता है. यहां 9 होल गोल्फ कोर्स है. अलग-अलग मौसम में मल्लीताल के फ्लैट्स में हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट और बॉक्सिंग टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है.

देश के कुछ प्रमुख स्थानों से नैनीताल की दूरी 
दिल्ली: 320 किमी 
अल्मोड़ा: 68 किमी 
हल्द्वानी: 38 किमी 
जिम कॉर्बेट पार्क: 68 किमी 
बरेली: 190 किमी 
लखनऊ: 445 किमी 
हरिद्वार: 234 किमी 
मेरठ: 275 किमी

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