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Rafting In Rishikesh
















व्हाइट वाटर राफ्टिंग ऋषिकेश की एक और साहसिक गतिविधि है जो इस शहर में आने वाले पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। गंगा नदी में मध्यम और कठिन दोनों प्रकार की धारायें होने के कारण यह प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित दोनों प्रकार के पर्यटकों के लिये अनुकूल है। पर्यटक व्हाइट वाटर राफ्टिंग का आनन्द लेने के लिये जरूरी राफ्टिंग सामान और पेशेवर प्रशिक्षकों की सुविधायें ले सकते हैं। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कई पर्यटक इस क्रीड़ा के रोमाँच का आनन्द उठाने के लिये इस स्थान पर आते हैं। राफ्टिंग के लिये सितम्बर से नवम्बर और मार्च से मई के बीच का समय आदर्श माना जाता है।



243 किलोमीटर और 6 घंटे 
दिल्लीै से ऋषिकेश तक का सफर लगभग 243 किलोमीटर का है और वहां पहुंचने में हमे लगभग 6 घंटे का समय लगा। देर में निकलना था, इसलिये हमने पहले ही इसकी तैयारी कर रखी थी, और अपने साथ जरूरी सामान लेकर निकले थें।


रॉफ्टिंग की तैयारी 
ऋषिकेश से थोड़ी दूरी पर स्थित शिवपुरी से हमने अपनी रॉफ्टिंग शुरू की। जैसा कि हमारे ट्रेनर ने हमें बताया कि ये लगभग 16 किलोमीटर की राफ्ट थी, जिसमें लगभग 10 रैपिड आने वाले थें। हम सभी काफी रोमांचित होने के साथ ही थोड़े डरे हुये भी थें।

बैठने का तरीका 
बोट में बैठने की पोजिशन ट्रेनर आपको खुद बताता है, और निसंदेह उसकी बातों का पूरा पालन करना चाहियें। इमेशा पैरों के ग्रीप बनायें रखें और बोट के बाहर की तरफ अपनी बॉडी का वेट रखें। ध्या न रखें रैपिड के बीच जब आपकी बॉडी का वेट बाहर होगा तो लहरें आपको अंदर की तरफ धक्का  देंगी।


गंगा में कूदना 
पानी में कूदना सामान्‍य हो सकता है, लेकिन ऋषिकेश की गंगा में उतरना कोई आम बात नहीं। यहीं की उफनती लहरों के साथ ही पानी की ठंडक आपको खासे मुश्किल में डाल सकती है। खैर वो एडवेंचर ही क्‍या जिसमें खतरों का आभास न हो। पानी में सावधानी पूर्वक उतरें और खास कर रस्‍सी का पूरा ख्‍याल रखें।


डोन्‍ट लूज रोप 

यानी की पानी में उतरने के बाद रस्‍सी को कत्‍तई ना छोडें, ऐसा ही कुछ हमारे एक साथी के साथ हुआ और वो लहरों के साथ दूर जाने लगा। लेकिन समय रहते हमारे ट्रेनर ने नाव उसकी तरफ की और उसे तत्‍काल नांव में चढ़ाया जा सका।

ऋषिकेश में कैम्पिंग

 कैम्पिंग का अपना एक अलग ही मजा है, चारों तरफ से पहाड़ों से घीरा जंगल सामने कल-कल करती गंगा नदी और उसके बीच कैम्‍प में आप खुद। बेहद ही आश्‍चर्यजनक और रोमांचक अनुभव रहा।


ऋषिकेश कैसे जाएं 

ऋषिकेश तक वायुमार्ग द्वारा पहुँचने के लिये यात्री 18 किमी की दूरी पर स्थित देहरादून के जॉली ग्राँट हवाईअड्डे के लिये उड़ाने ले सकते हैं। ऋषिकेश का अपना खुद का रेलवेस्टेशन है जोकि दिल्ली, मुम्बई, कोटद्वार और देहरादून जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा यहाँ तक सड़कमार्ग द्वारा पहुँचने के लिये यात्री दिल्ली, देहरादून और हरिद्वार जैसे शहरों से प्राइवेट अथवा राज्य स्वामित्व की बसों का विकल्प चुन सकते हैं।



ऋषिकेश का मौसम 
ऋषिकेश में साल के अधिकतर भाग के लिये मौसम खुशनुमा रहता है। हलाँकि पर्यटकों को मई के महीने में यहाँ नहीं आने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय यहाँ का तापमान काफी ऊँचा रहता है।





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