लंढौर उत्तराखंड का अनुछुआ अनसुना पर्यटन स्थल
आपको घूमने का शौक है और इस गुलाबी सर्दी में आप किसी हिलस्टेशन का नज़ारा देखना चाहते हैं तो लंढौर आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। मसूरी के पास यह छोटा-सा पर्यटन स्थल है, जो अपनी खूबसूरती और कुछ खासियतों के कारण टूरिस्ट को आकर्षित करता है। आज हम आपके लिए लाए हैं, वादियों की इस छोटी-सी जगह की जानकारी।
क्या कर सकते हैं लंढौर में
आपको घूमने का शौक है और इस गुलाबी सर्दी में आप किसी हिलस्टेशन का नज़ारा देखना चाहते हैं तो लंढौर आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। मसूरी के पास यह छोटा-सा पर्यटन स्थल है, जो अपनी खूबसूरती और कुछ खासियतों के कारण टूरिस्ट को आकर्षित करता है। आज हम आपके लिए लाए हैं, वादियों की इस छोटी-सी जगह की जानकारी।
लंढौर कहां घूमें
लंढौर में घूमने के लिए यूं तो कुछ खास नहीं है, लेकिन पहाड़ो पर बसा हुआ छोटा सा कस्बा आपको प्रकृति के और भी करीब ले जाता है। लंढौर में आपको एनी जगहों की तरह पर्यटकों का जमावड़ा देखने को नहीं मिलेगा,इसलिए आप यहां खुद के साथ अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं। अगर अप मसूरी आय हुए है तो लंढौर को जरुर घूमे, यहां दिन में ही घूमा जा सकता है।
क्या कर सकते हैं लंढौर में
1897 से लंढौर बाजार मसूरी का मुख्य बाजार है। मसूरी से लंढौर बाजार के रास्ते ही लाल टिब्बा तक पहुंचते हैं। दुकानें पुरानी-पुरानी हैं, सौ-सवा साल से भी ज्यादा पुरानी। खाने-पीने से कपड़ों तक सब मिलता है।
ज्यादातर टूरिस्ट लंढौर का आनन्द डे-ट्रिप के तौर पर ही उठाते हैं। असल में, वहां ज्यादा होटल नहीं हैं। अकेला ;रॉकवे मेनर ; ब्रिटिश कॉटेज के लिए फेमस है। बाकी छोटे-छोटे गेस्ट हाउस ही हैं, इसलिए मसूरी में रहना बेहतर विकल्प है, और फिर मसूरी से सुबह-सवेरे लंढौर की सैर पर निकला जा सकता है।
चार दुकान जाना ना भूले
1897 से लंढौर बाजार मसूरी का मुख्य बाजार है। मसूरी से लंढौर बाजार के रास्ते ही लाल टिब्बा तक पहुंचते हैं। दुकानें पुरानी-पुरानी हैं, सौ-सवा साल से भी ज्यादा पुरानी। खाने-पीने से कपड़ों तक सब मिलता है। चांदी के गहने भी कलात्मक हैं और यहां से ज्यादा दूर नहीं है मशहूर पिकनिक स्पॉट ,चार दुकान,। आज बेशक 4 नहीं, 7 दुकानें हैं, फिर भी इलाका ;चार दुकान , ही कहलाता है। मैगी, मोमोज, वेफल्स और न जाने क्या-क्या खाने को है, सभी मस्त-मस्त। करीब ही लंढौर का पोस्ट ऑफिस है, जो 100 साल से ज्यादा पुराना है।
लंढौर का कैफे एवी भी ट्राई करने लायक है। है चार दुकान इलाके में ही। एकदम पहाड़ के किनारे पर है। कैफे से पहाड़ों के नजारे क्या कहने। देवदार के दरख्तों की कतारें दिलकश लगती हैं। कैफे एवी का मेन्यू भी लम्बा-चौड़ा है - आलू परांठे से पास्ता तक। टूरिस्ट उनका ऐरो शेक भी ट्राई करना नहीं भूलते।
मोमोज-मैगी जरुर करें ट्राई
ऊँची पहाड़ी पर बैठकर मोमोज और मैगी खाने का मजा ही कुछ और है...तो यहां आप भी ऊँची पहाड़ी पर बैठकर इन सब खाने की चीजो का स्वाद लेना कतई ना भूले
सर्दियों में ले बर्फबारी का मजा अगर आप सर्दियों के दौरान पहुंचते हैं..तो यहां जमकर बर्फबारी को देखा जा सकता
जाने-माने लोगों के घर
अंग्रेजी के वर्ल्ड फेमस लेखक रस्किन बॉन्ड का घर भी अरसे से लंढौर में ही है। उनके घर के पास ;डोमा,ज इन,है। तिब्बती साज-सज्जा है और मोमोज व थुपा की तारीफ इतनी है कि इन्हें खाने लोग मसूरी तक से खिंचे चले आते हैं। एक्टर विक्टर बैनर्जी और टॉम ऑल्टर के अलावा क्रिकेटर सचिन तेन्दुलकर समर होम भी यहां हैं।
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