मेरे पहाड़ के रियल हीरो *हुड़का और बांसुरी बनाने का कार्य भी सुरु कर दिया है*। बांसुरी वादक - श्री मोहन जोशी मोहन जोशी जी एक बहुत ही खास बांसुरी वादक हैं. मूल रूप से उत्तराखंड के बागेश्वर निवासी मोहन जोशी वर्तमान में उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ बांसुरी वादकों में गिने जाते हैं .
मोहन जोशी उत्तराखंड के सभी बड़े लोक-गायकों के साथ काम कर चुके हैं . बचपन से ही वे उत्तराखंडी कुमाऊँनी व गढ़वाली गीतों और पारम्परिक धुनों को अपनी बांसुरी पर बजाया करते थे. न केवल लोक-संगीत बल्कि मोहन जोशी भारतीय शास्त्रीय संगीत में भी बहुत रूचि रखते हैं. उन्हें प्रयाग संगीत समिति (इलाहाबाद) से "संगीत-प्रभाकर" की उपाधि भी मिली है .मोहन जोशी विभिन्न रेडिओ स्टेशनों से भी अपनी कला का प्रसारण कर चुके हैं . आकाशवाणी केंद्र-रामपुर (उ.प्र.) से वे बी-ग्रेड के नियमित कलाकार के रूप में सम्बद्ध हैं . साथ ही विभिन्न टीवी चैनलों पर भी आपके प्रसारण होते रहते हैं , जैसे दूरदर्शन, आस्था , श्रद्धा इत्यादि . लोक संगीत एवं शास्त्रीय संगीत के अतिरिक्त वे "भजन संगीत" से भी जुड़े हैं . अनेक आध्यात्मिक संतों , धार्मिक गुरुओं के साथ भी उनके सत्संग , श्री भागवत कथा, राम कथा आदि कार्यक्रमों में भी आप पार्श्व संगीतकार के रूप में कार्य कर चुके हैं
वहीँ विभिन्न रिकॉर्डिंग स्टूडियो में भी आप नये गीतों के निर्माण में अपनी बांसुरी की धुनें रिकॉर्ड कर चुके हैं . फिर वो चाहे पहाड़ी गीत हों या भजन या हिंदी गीत , अनेक गीतों में आपकी बांसुरी सुनी जा सकती है . वर्तमान में मोहन जोशी स्वयं के लाइव कन्सर्ट (इंस्ट्रूमेंटल शोज़) में व्यस्त रहते हैं , जिसमे सभी प्रकार के संगीत जैसे - बालीवुड संगीत, रेट्रो संगीत, भजन संगीत, सूफी संगीत, फ्यूज़न संगीत आदि की धुनें शामिल होती हैं . इन शोज़ में वे एकल वादन के अलावा मोहन युवा कलाकारों के पूरे बैंड के साथ भी लाइव शोज़ की प्रस्तुतियां देते हैं . मोहन जोशी न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे भारत भर में अपनी विभिन्न प्रस्तुतियां दे चुके हैं . साथ ही २०१३ में दुबई में भी बांसुरी की धुन छेड़ चुके हैं . मोहन जोशी उत्तराखंड के संगीत और संस्कृति के प्रति भी समर्पित हैं. वे विभिन्न राज्य स्तरीय एवं राष्ट्र स्तरीय युवा महोत्सवों में भी इसका प्रचार-प्रसार करते रहे हैं . २०११ में १६वें नेशनल यूथ फेस्टिवल में भी आपको उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है 2019 में बाड़ूली संस्था न्यूजीलैंड में भी सिरकत करने का अवसर मिला। संस्कार परिवार देहरादून द्वारा चलाए गए स्वरोजगार और रिवर्स पलायन अभियान के अंतर्गत आध्यात्मिक गुरु आचार्य विपिन जोशी उनको सम्मानित करने जल्दी ही उनके गांव जाएंगे।
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